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APPRECIATION DAY CELEBRATED AT SVIS

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“We all have our moments of brilliance and glory, and this was mine.”- Roald Dahl

On the lovely morning of June 30, 2017, many students of class X and XII woke up to the echo of above quote in their hearts. Truly, the day belonged to them! Their success, their hard work, their skills, their uniqueness was going to be appreciated amidst an august gathering, comprising their parents, their mentors and their fellow mates.

The Senior Wing of Sri VIS, Dwarka celebrated the’ Appreciation Day’ to honour the students of classes IX & XI for their varied achievements during the session 2016-17. The programme was held in the school auditorium, which saw the presence of proud parents of all the award winners. A great visionary and the guiding force, School Chairman, Mr Sailander Solanki was the Guest of Honour. 


The festivity began with the Welcome of the guests by a floral accord, followed by the tradition of Lamp Lighting and the presentation of a Welcome Address by the School Principal. In her address, the Principal Mrs Nita Arora urged the parents to encourage their children to be independent and achieve their targets without external support. To the winners, she appealed to be humble and take criticism in good spirit. 

A ‘jugalbandi’, the fusion of Classical and Western music with both instrumental and vocals based on ‘Raga Puriya Dhanashri’, mesmerized the entire audience. A Mock MUN session was presented by SVIS MUN Society which highlighted the fact that young citizens are equally sensitive about the ongoing global crises. The guests were also apprised of the achievements of the MUN Society through a PowerPoint Presentation. 

The young achievers were given the awards for Academic Excellence under the categories of Top three Rank holders of each class, School Scholars and Toppers in specific subjects. For co-scholastic achievements, the awards were given away for Excellence in Performing Arts, Oratory Skills and Innovative Hands categories. Award holders were felicitated by the School Chairman and School Principal with trophies, Appreciation Certificates and books. Sr. Headmistress, Ms R. Banopreeya congratulated the gratified parents and blessed all the students for touching more milestones of success in the years to come.

School Head Girl, Dyutita Ajith proposed the vote of thanks. The day culminated with the rendition of National Anthem. The enthusiasm of young award winners and the sense of pride on the faces of their parents proved that appreciation can make a day and even change a life.

Gaiety marks ‘Bahuda Yatra'

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July 3 ,2017. Thousands of devotees mostly from the adjoining villages on Monday thronged the coastal city of Balasore to witness Bahuda Rath Yatra that marks the ceremonial procession of return of Lord Jagannath and his siblings from Gundicha Ghar to Shree Shree Jagannath temple, Emami Nagar after a nine-day sojourn. They pulled the tastefully decorated holy chariot in traditional style to its original resting place in majestic Shree Shree Jagannath temple, Emami Nagar.

The devotees congregated in the holy coastal town since early morning to witness grand return journey of God to its abode to seek blessings. Around 1,000 devotees danced raising their hands amid chanting of ‘haribol’ and vedic hymns as the Bahuda Rath was pulled on the streets to its original resting place after 9 days sojourn.

The return journey of the chariots is also known as Ulta Rath Yatra or Ulto Rath Yatra – and is ritually known as Bahuda Rath Yatra. Founders of the Emami Temple and their family members performed 'Chhera Pahanra' or sweeping on the chariots with a golden broom.

Whilst their way back home, the holy chariot stopped for a while, where they were offered Odisha's popular dish 'poda pitha'- made of rice, jaggery, coconuts, lentils.

The temple administration had taken care for timely observance of all nitees of the deities during the Bahuda Yatra, . It is believed that whoever participates in the bahuda yatra, offers aarti and pulls the rath will gain unlimited devotion and all his sins will be wiped out,” said Sri Sushil Goenka Trustee of the Temple. This is the second year that the magnificent Emami Jagannath Mandir is organising the Jagannath Rath yatra.

Bahuda Rath Yatra is one of the most sought-after and popular religious events in Odisha. The deities would enter into the sanctum sanctorum of the main temple after offering of Rasagola Bhog called Niladri Bije, marking the end of the festival. The next day the Lord is ready for dharshan to people in the temple and it is known as 'Suna Besha' said Sri Sushil Goenka Trustee of the Temple.

Citizen's reporter: Dr. G.L.Mahajan

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Happy Birthday- Neena Gupta

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Exhibition of photographs & sketches of study tour to Egypt & Russia

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पाश्चात्य सभ्यताया शैली और भारतीय नारी

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रविंदर सिंह डोगरा 

वैसे तो में पिछले कई सालों से हिंदी लेख सामाजिक विषयों पर लिखता हूँ परन्तु काफी समय से वाट्सअप के आने के बाद थोड़ा काम लिख पता हूँ क्यूंकि रोज़ अपनेविचार वाट्सअप के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचा देता हूँ ! लेकिन फिर भी कुछ बाते ऐसी होती हैं जो हम वाट्सअप पर नहीं समझा सकते या यूँ कहिये की आपसबके और अन्य बुद्धिजीवियों या समाज के प्रबुद्ध और जन प्रतिनिधियों वैसे तो में पिछले कई सालों से हिंदी लेखन सामाजिक विषयों पर लिखता हूँ परन्तु काफी समय से वाट्सअप के आने के बाद थोड़ा काम लिख पता हूँ क्यूंकि रोज़ अपने विचार वाट्सअप के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचा देता हूँ ! लेकिन फिर भी कुछ बाते ऐसी होती हैं जो हम वाट्सअप पर नहीं समझा सकते या यूँ कहिये की आप सबके और अन्य बुद्धिजीवियों या समाज के प्रबुद्ध और जन प्रतिनिधियों तथा हमारे देश की सरकार के मंत्रियों के नंबर मेरे पास हैं नहीं इस्सलिये आप सब तक ईमेल के माध्यम से ही एक बहुत हम बात रखने जा रहा हूँ कृपया ध्यान जरूर दे !

हिंदुस्तान में हर सरकार चाहे देश की हो या किसी प्रदेश की भारतीय सभ्यता , संस्कृति और परम्पराओं को बहुत मान्यता देती है और हर प्रदेश अपने प्रदेश की तथाहर सरकार हिंदुस्तान देश की संस्कृति , सभ्यता और परम्पराओं को आधुनिक युग में भी बनाये रखने की भरपूर कोशिश करते हैं इसीलिए , योग , शिक्षा , भाषा व्हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास और महापुरुषो देवियों के बारे में बता कर युवाओं और महिलाओं - पुरुषो को प्रेरित करते हैं इतना ही नहीं , सरकारों के भाषा एवंसंस्कृति विभाग, बहुत से कार्यक्रम चला कर करोडो रूपए खर्च कर के सामाजिक मूल्यों पर देश के हर वर्ग को इंसानियत और महिलाओं के प्रति या उनके अधिकारों केप्रति सजग करते है ! बड़े - बड़े नेता , सामाजिक लोग , अभिनेता , धनाढ्य , ऊँचे परिवार , बड़े - बड़े व्यसायी , बड़ी बड़ी संस्थाएं , प्रधानमंत्री -मंत्री , मुख्यमंत्री यहाँतक की हिंदुस्तान के प्रथम नागरिक माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी भी अनेको - अनेक कार्यकर्मों में ऐसी बातों के लिए शिरकत करते हैं और अपने विचार रखते हैं या चर्चा अथवा बहस भी होती है ! और ये सब पिछले 25 - 30 सालोँ से होता आ रहा है क्योंकि जितनी देश में महंगाई बड़ी है , जितना देश में नशा बड़ा है , जितना देशमें भ्रष्टाचार बड़ा है , जितना देश में घोटाला हुआ है जितना देश में नक्सलवाद या आतंकवाद बड़ा है , जितना देश में साम्प्रदायिक तनाव बड़ा है उस से कहीं ज़ादाभारतीय महिलाओं पर अत्याचार बड़ा है और उनका शोषण बड़ा है, जिस पर कोई सार्थक कदम आज तक किसी ने नहीं उठाया है ! 

सबसे बड़ी बात यह है की, किसी नेये आज तक नहीं सोचा ही नहीं की जिस देश की महिलाओं माताओं का इतिहास चाहे कौशलया , कैकई या मन्थरा ( रामायण ) चाहे कुंती , गांधारी , द्रौपदी (महाभारत ) चाहे रानी लक्ष्मीबाई हो या चाहे माता जीजाबाई या चाहे रानी जोधाबाई हो या सवित्रिफुले या फिर कोई और ....! इनमें से भले ही कैकई-मन्थरा या गांधारी- द्रौपदी बेहद तेज़ तरार व् अपने फायदे के लिए उन्होंने कुछ किया हो पर उनका चरित्र या दामन दागदार नहीं था और ना ही उनके नारीत्व में कोई खोट ..! फिर ये कैसे हो गया की ऐसी महान माताओं और वीरांगनाओ के हिंदुस्तानी वंशज हम आज अपनी ही माताओं बहनो की इज़्ज़त तार - तार कर देते हैं और हमारे ही परिवार एकदूसरे की मदद को आगे नहीं आते ..! किसी ने आप सब में से सोचा है ऐसा क्यों हो रहा है ....? चलिए में बताता हूँ ये सब इस लिए हो रहा है क्योंकि पाश्चात्य सभ्यताया शैली को हमने भारत में बहुत समर्थन दिया ! दूसरे देशो के बारे में जानकारी होना अच्छी बात है पर ये जरुरी नहीं के हम उनकी सभ्यता या गलत शैली को अपनाएं! खान - पान तक तो ठीक था लेकिन जब परिधान से लेकर अंग वस्त्र तक की नुमाइश पाश्चात्य तौर-तरीके से हमने हिंदुस्तान में करनी शुरू कर दी जानकारी के नामपर तो, “जो सामाजिक शर्मो-ह्या हिन्दुस्तानियों के दिलो दिमाग और मन में थी वो धीरे धीरे ख़तम हो गयी “ जिसका नतीजा ये हुआ की पुरुष प्रधान समाज नेआधुनिकता के नाम पर पहले तो भारत की नारी को आगे किया और फिर उसका शोषण हर स्तर हुआ जिसका खुद भारतीय नारी को भी पता नहीं चला ! 

ये वो दौर थाजब सिनेमा को एक पथ प्रदर्शक और प्रेरणा दायक कहानियों के लिए देखा जाता था और सबसे पहले प्रयोग महिलाओं के ऊपर वहीँ हुआ और वहां से जो देख के लोगनिकले तो आज भारत की नारी का अकेले निकलना मुश्किल हो गया ! दूसरा दौर आया सियासत का क्योंकि जब लोगो ने या कुछ महिलाओं ने आवाज़ उठाना चाही तोमहिलाओं को ही सियासत में लाया गया लेकिन सिर्फ चुप करवाने या अपना हित साधने के लिए जो आज तक हो रहा है ! तीसरा दौर शुरू हुआ गैरसरकारी संगठनों का, जहाँ सामाजिक चोला इख्तियार करके पाश्चात्य सभ्यता को अंदर से बढ़ावा दिया गया, जिस वजह से भारत में भी समलैंगिकता को बढ़ावा मिला और भारतीय युवकयुवतियाँ अपने अधिकार की बात कर के समलेंगिकता का सहयोग करने लगीं ! यहाँ तक आते - आते भारत पूरी तरहं से पाश्चात्य सभ्यता की बुरी आदतों में पड़ करअपने ही देश की महिलाओं का तिरस्कार करने लगा और महिलाओं की कानून में भी ज़ादा सुनवाई नहीं होती थी ! जिससे आहत हो कर महिलाओं ने भी पुरुषो कोजवाब देना शुरू कर दिया इतना ही नहीं महिलाओं ने भी खुल कर पुरुष मित्र बनाना शुरू कर दिए और हिंदुस्तान में भी एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर्स आम बात होगयीइसके साथ ही तलाक के केसो में 100 % वृदि भी दर्ज़ हुयी ! यहाँ तक की कुछ महिलाओं ने अपना हक़ पाने के लिए पुरुषो पर शोषण के झूठे आरोप भी लगाना शुरू करदिए जिस पर माननिये न्यायलय ने नाराज़गी व्यक्त भी की थी 2012 में ! लेकिन महिलाओं द्वारा शोषित किये जाने का आंकड़ा पुरुषों द्वारा शोषित किये जाने सेकाफी कम था ! 

 पाश्चात्य सभ्यता की हैवानियत इतनी बढ़ी, की दिल्ली में निर्भया कांड हुआ और ऐसे और कई कांड हुए जिसके बाद लोग जागे और महिलाओं केप्रति उनकी संवेदनाएं भी जागी ! लेकिन फिर भी बलात्कार जैसे कुकृत्यों पर रोक नहीं लगी ! हाँ अलबत्ता अपराधों में अपराधियों की धरा पकड़ जल्दी होना शुरूहोगयी परन्तु परिणाम आने बाकी हैं ! जिस पर शायद कुछ लोगो और पाश्चात्य सभ्यता को अपनाने वाले लोग या फ़ैलाने वाले लोगो को तकलीफ हुयी और और...और इसी बीच मैंने 30 जून को भारत के एक राष्ट्रिय अखबार में पाश्चात्य सभ्यता का एक लेख पड़ा जिसको अखबार ने आखिरी सफ़े पर छापा था जिसको पढ़नेके बाद मेरे होश उड़ गए, हालाँकि अखबार ने एक सुचना के तहत या खबर के तहत वह लेख छापा था जोकि हर अखबार का काम भी है ! मेरे साथियों उस अख़बार के लेख का शीर्षक था ... " विवाहत्तेर सम्बन्ध बनाने वाली महिलाएं रहती हैं ज़ादा फिट " यानी के जो महिलाएं शादी से पहले से ही शारीरिक सम्बन्ध बनाना शुरू कर देंगी , वो शारीरिक और मानसिक रूप से ज़ादा सशक्त होंगी ...! मैं सोच रहा था की क्या मेरी तरहं आप लोगों ने भी वो लेख पड़ा होगा या पड़ा होगा तो क्याप्रतिक्रिया होगी या क्या कोई बुद्धिजीवी , सामाजिक संगठन , कोई नेता , मंत्री , इस पर खंडन करेगा या कुछ कहेगा पर तीन दिन तक किसी ने कुछ नहीं कहा संभवतःया तो किसी ने पड़ा नहीं होगा या फिर उन्हें लगता होगा की क्या जरुरत है ! हालाँकि सर्वे विदेश की किसी कम्पनी ने किया है और उसने विदेशियों का ही हवाला दियाहै पर समझने वाली बात यह है की उनको या किसी को भी ये बात भारत मैं बताने की जरुरत क्यों है , या क्यों पड़ी ....? ज़रा सोचिये अन्य पाश्चात्य बातो यानि केखाना-पीना , कपडे , फिल्में आदि आदि की तरहं , क्या हम ये बात भी स्वीकार करलेंगे ...? क्या हम अपनी भावी पीड़ी की बच्चियों , बेटियों को ये कह सकेंगे, क्या मैंया कोई और अपनी बहिन बेटी को ये प्रेरणा देगा की जाओ शादी से पहले किसी से सम्बन्ध बना लो क्योंकि इस से तुम्हारा शरीर फिर रहेगा .....? मैं समझता हूँ आपसबको और देश के नेताओं को बुद्धिजीवी , सामाजिक संगठनो को , और अपने आप को भारतीय कहने वाले सभी लोगो को मेरी बात समझ आ गयी होगी ! खास तौरसे उनको जो योग और शाकाहार की वकालत करते हैं उन्हें चाहिए की ऐसे बातों का खंडन करें और लोगो को भी समझएं !

Media Can Do Wonders in Students Life by S.S. Dogra

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Our Managing Editor Sh. S.S. Dogra  presenting his book "Media Can do Wonders in Students Life" to Dr.Ashok Ogra- Director-Apeejay Institute of Mass Communication. Former Regional Director-Discovery Channel & Associate Professor-FTII, Pune.( Photo: Mukesh)

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Happy Birthday- Geeta Kapoor

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Symphony Of Harmony

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Our nation is facing an unusual amount of threat to our peaceful existence. We face serious threat of terror attacks as well as we witness an upsurge in violence from fellow citizens.

We can no longer rest assured that terror attacks only happen in far away places. We have terrorists sneaking in through Bangladesh on the east, through Nepal on the north and being pushed in by our friendly neighbour Pakistan on the west. There are ideologies that are uncomfortable with the idea of an India where people of such diversity of religion and cultural, can co-exist peacefully.

For terror to succeed there needs to be local support. Terrorists need to stay somewhere and be supported by similarly criminally minded locals for planning, logistics etc. Thankfully such elements are few, can be identified, and must be isolated and ostracised by society. They are anathema to peace.

Violence of many forms has been on the rise. Violence towards women has not reduced despite the huge uproar following the horrific Nirbhaya incident. Our laws have failed to make women safer, and particularly failed to deter the juvenile offender for crimes against women. Recently youngsters barely into their teens were reported to commit a Nirbhaya like assault. Our public debates on how to deal with a juvenile offender and failure to find a deterrent will see the inevitable rise in crime by this age group who feel they will getaway. We appear more concerned for the rights of the criminal than the victim.

Violence resulting from religious intolerance is another type which is making news more and more lately. Criminals in the garb of anti-Romeo squads (intended to make women safer) are seen to terrorise the innocent. Criminals pretending to protect the cow are finding every pretext to murder innocent Muslims. These actions and extra-legal entities are making our minorities from the economically poorer segment very uncomfortable. This should never happen in any civilised society, and cannot be acceptable in our secular democracy.

Our Constitution guarantees equal protection to all citizens irrespective of religion, caste and economic status. Every citizen has the right to exist in peace, anywhere in the country.

But Constitutional rights do not come without duties and responsibilities. It is the duty of every citizen to preserve the peace, observe the law of the land and respect the rights of fellow citizens.

Thus instead of blaming the state for having failed in its duty to provide safeguard against terror or criminals who indulge in violence against women or other fellow citizens, it is our duty to act as responsible citizens and do our bit to preserve the peace and integrity of the nation.

Criminal minds that support terror or do harm to a fellow citizen are few in number. They are easily identified by their behaviour and pursuit. We can no longer afford to look the other way and wait for some ‘authority’ to deal with them. It may be too late. To make our neighbourhood safe, the principle of ‘neighbourhood watch’ is that you together with your neighbours keep a watchful eye on suspicious behaviour, and do not give shelter to strangers whose antecedents are dubious. You should not be friends with anti-social elements who blatantly abuse law by manifestly behaving unlawfully in public – loud abusive language, drinking, smoking pot, carrying weapons etc. Either ask them to move elsewhere or ask the authorities to take action. It is such elements that are likely to commit crime or support a criminal.

By rejecting the criminal mind and being watchful, we will make an impact on a safer neighbourhood for all and in the process do our duty as a responsible citizen.

Symphony Of Harmony, or AikyaTaan being celebrated on Sunday 9th July at 10 am requires you to show your commitment to playing your part in making your neighbourhood and India safe and peaceful for all citizens, by giving just 2 minutes of your time at 10 am. Make a musical sound by any musical instrument from where ever you are at the time. This will affirm your commitment and your resolve towards a safer neighbourhood.

Hope you will not only participate but also spread this message to others.

Anant Trivedi

FIFA & LOC for FIFA U-17 World Cup India 2017 reopen ticket sales for Kolkata, Guwahati and Kochi

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FIFA and the Local Organising Committee of the FIFA U-17 World Cup India 2017 today announced that Phase I tickets for Kolkata, Guwahati and Kochi have been reopened for sale.

Illustrating the huge interest in the beautiful game in these regions, tickets for these three cities had been sold out well before knowing the teams that will play at the venue.

Ticket sales for Phase I are scheduled to end on 7th July 2017, after the Official Draw for the FIFA U-17 World Cup India 2017. Keeping that in mind, the Organising Committee has decided to ensure fans who have not yet got a chance to buy the Venue Package in the three cities, can access the discounted tickets for another three days.

Speaking about the decision, FIFA Deputy Secretary General Zvonimir Boban said “We’ve been really impressed with the interest in the tournament, especially in Kolkata, Guwahati and Kochi, and we’d like to give the fans there one more opportunity before the draw to book their place for this historic event in India. This is a beautiful demonstration of the love that Indian people have for football.”

Tickets for Phase II will go on sale once the fixtures have been decided on 7th after the Official Draw for the tournament. The phase will exclusively be available for VISA cardholders between7th and 21st July.

The FIFA U-17 World Cup will take place in India between 6th and 28th October.

8th Jagran Film festival concluded

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भारतीय सिने जगत में अनोखी छाप छोडने वाले महान कलाकार ओमपुरी जी को श्रधान्जलि से सम्पन्न हुआ आठवां जागरण फिल्मोत्सव। On the concluding day of 8th Jagran Film festival, the Homage paid to great actor late Om Puri Saheb.

प्रसिद्ध चित्रकार ,कवि डॉ. हर्षवर्धन आर्य हंगरी में " कला सृजन शिखर सम्मान" सहित तीन अलंकरणों से विभूषित ।

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अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद वत्स ने आज आज अशोकविहार में आयोजित समारोह में हंगरी में कला सृजन शिखर सम्मान सहित तीन अन्य साहित्यिक अलंकरणों से विभूषित दिल्ली के साहित्यकार हर्षवर्धन आर्य को स्वदेश लौटने पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री हर्षवर्धन आर्य ने हंगरी में जो कीर्तिमान स्थापित किया है उससे देश के रचनाकारों, कलाकारों का मान-सम्मान बढा है। उल्लेखनीय है कि हंगरी के खूबसूरत शहर बुदापैश्त स्थित भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् के अमृता शेरगिल सांस्कृतिक केंद्र में विश्व हिंदी साहित्य परिषद् की ओर से आयोजित सातवें अन्तरराष्ट्रीय साहित्य ,संस्कृति सम्मेलन में जाने-माने कवि एवं चित्रकार रोटे. हर्षवर्धन आर्य को प्रतिष्ठित कला सृजन शिखर सम्मान ,कला सिंधु सम्मान तथा साहित्य सिंधु सम्मान प्रदान किए गए ।

मॉरीशस ,कनाडा, अमेरिका ,बेल्जियम , भारत और हंगरी आदी देशों से पधारे हिन्दीविदों ,कलाकारों ,चित्रकारों की गरिमामय उपस्थिति में साहित्य,संस्कृति को समर्पित संस्था " विश्व हिंदी साहित्य परिषद् " ने प्रतिष्ठित सर्वोच्च सम्मान "कला सिन्धु सम्मान "एवं साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित "साहित्य सिन्धु सम्मान " तथा पं०तिलकराज शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री इन्द्रजीत शर्मा एवं मंचस्थ अतिथियों द्वारा पं० तिलकराज शर्मा स्मृति "कला सृजन शिखर सम्मान -2017 " प्रदान किए गए । जिसमें प्रमाण पत्र , स्मृति चिह्न ,शॉल एवं ग्यारह हजार रु० की पुरस्कार राशी प्रदान की गई ।

अंतरराष्ट्रीय साहित्य ,संस्कृति उत्सव एवं श्री हर्षवर्धन आर्य की अंतरराष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन हंगरी में भारत के राजदूत श्री राहुल छाबड़ा , एल्तै विश्वविद्यालय की भारोपीय विभाग की अध्यक्ष डॉ.मारिया नेज्यैशी , डॉ. हरीश नवल ,डॉ. लल्लन प्रसाद ,श्री टी.पी.एस. रावत ,डॉ. नूतन पाण्डेय( द्वितीय सचिव) ,डॉ. दिलीप शाक्य और कनाडा से पधारे डॉ. सरन घई ने किया ।

इस अवसर पर महामहिम श्री राहुल छाबड़ा सहित उपस्थित विद्वानों ने श्री हर्षवर्धन आर्य के कविता सँग्रह " सपनों में चिड़िया " का लोकार्पण भी किया और श्री आर्य के सुंदर की प्रदर्शनी का अवलोकन किया । कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से पधारे कवियों , चित्रकारों , बुद्धिजीवियों ने भाग लिया ।कार्यक्रम में सर्वश्री डॉ. राजेश अग्रवाल ,प्रसिद्ध हास्यकवि रसिक गुप्ता ,चित्रकार रूपचन्द ,सुनील ममगाई ,प्रेम भारद्वाज ,डॉ. आनन्द सिंह , सुशील ठाकुर , डॉ स्नेह सुधा नवल ,डॉ. ऊषा किरण ,डॉ. राजेश श्रीवास्तव ,श्री श्रवण अग्रवाल की उपस्थिति विशेष उल्लेखनीय रही ।

Film And Television Institute of India (FTII) has begun Film Appreciation Course in Siri Fort Auditorium

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Film And Television Institute of India (FTII) has begun Film Appreciation Course in Siri Fort Auditorium

Watch full video @link:- https://youtu.be/qAXJO3WOW44

ओमपुरी को श्रृद्धांजलि के साथ दिल्लीवासियों को जेएफएफ का सायोनारा

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दिल्ली के बाद उ.प्र. का रूख करेगा 8वां जागरण फिल्म फेस्टिवल!


नई दिल्ली, 6 जुलाई 2017; सुहाने मौसम के बीच सिनेमा और इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की बौछार के बीच पिछले 4 दिनों से लगातार दिल्लीवासियों व दिल्ली पर्यटन पर आये सैलानियों को खासा लुभा रहे 8वें जागरण फिल्म फेस्टिवल का आज अंतिम दिन है। फेस्टिवल के चारों ही दिन दर्शकों ने मास्टर क्लास, कॉफी टेबल सत्र, शॉर्ट फिल्म और फीचर फिल्मों का लुत्फ उठाया साथ ही इन फिल्मों से जुड़े कलाकारों, निर्देशकों आदि से रूबरू होने का भी मौका मिला।

अंतिम दिन आज दिवंग्त कलाकार ओमपुरी को श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। मौके पर फेस्टिवल की क्लोज़िंग फिल्म, ‘मि. कबाड़ी’ जो कि उनके द्वारा अभिनीत अंतिम फिल्म भी है की निर्देशक सीमा कपूर एवम् अभिनेता विनय पाठक व अभिनेत्री सारिका ठाकुर सहित सिने-प्रेमियों व दिल्लीवासियों ने कैंडल लाइट जलाकर उन्हें याद किया व श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद ‘मि. कबाड़ी’ की स्क्रीनिंग के साथ पांच दिन से चला आ रहा जागरण फिल्म फेस्टिवल सम्पन्न हुआ। पांचवे व अंतिम दिन के अन्य आकर्षण में जागरण शॉर्ट्स व अन्तर्राष्ट्रीय सिनेमा की फिल्मों; लास्ट क्रिस्मस, द लेटर बॉक्स, नैपोली अंडरग्राउण्ड, पेगासस, पोस्टो, अंगमली डायरीज़, ब्रावो वर्चुसो, द आर्ट ऑफ मूविंग, द डॉक, द ऐंड सहित लोकप्रिय फिल्मों; दो दुनी चार, रंग रसिया, मुक्ति भवन, फिल्लौरी आदि ने दर्शकों का दिल जीता।

पांचवें दिन पिता पुत्र की कहानी पर आधारित ‘मुक्ति भवन’ को मिला रिस्पांस देखते ही बनता था। हाउसफुल ऑडीयंस एक फिल्म को मिलें और वाह-वाही न रूके, एक फिल्मकार के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी। फिल्म की कहानी में मुक्ति पाने के लिए पिता बनारस जाना चाहते हैं, लेकिन पुत्र मना कर देते हैं फिर उनके मानने और बनारस जाने पर उनके रिश्तों में किस तरह के उतार-चढ़ाव व बदलाव आते हैं उसकी दिल छूती कहानी शानदार है। मौके पर फिल्म के कलाकार ललित बहल ने बताया कि इस फिल्म में उन्होंने ज़िंदगी और मृत्यु को करीब से जाना। मैंने फिल्म करने के बाद ज़िंदगी का दूसरा अर्थ जाना है। ज्ञात हो फिल्म के लिए कलाकार आदिल हुसैन को नेशनल अवार्ड भी मिला है।

फेस्टिवल के चौथे दिन एक से बढ़कर एक फिल्मों का दौर जारी रहा, जहां ‘एम.एस. धौनीः द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘द सोशल नेटवर्क’, ‘अनारकली ऑफ आरा’, ‘जॉली एल.एल.बी.’ ‘गुटरूं गुटरगूं’ आदि हिन्दी फिल्में, जागरण शॉर्ट्स, क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय फिल्में प्रदर्शित की गयी। इनके अतिरिक्त एक्टिंग पर बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियों के अनिरूद्ध धनियन की मास्टर क्लास, गुटरूं गुटरगूं फिल्म के निर्देशक प्रतीक शर्मा व अभिनेत्री अस्मिता शर्मा और अनारकली ऑफ आरा की अभिनेत्री स्वरा भास्कर व निर्देशक अविनाश दास की मौजूदगी प्रमुख आकर्षण रहे।

स्वरा भास्कर व टीम के साथ दर्शकों ने अनारकली ऑफ आरा का आनन्द लिया और फिल्म के बाद संवाद भी किया। जहां स्वरा व अविनाश दास ने सभी के उत्सुकता भरे सवालों के जवाब दिये। भाषा व संस्कृति को लेकर किये एक सवाल के जवाब में स्वरा ने बताया कि समाज के अनुसार और आज के समय के अनुसार ही जो असल जिंदगी में घटित होता है उससे सम्बंधित विषय है। इसमें कोई प्रोपेगेंडा या एजेंडा नहीं है। रोचक संवाद के दौरान उन्होंने बताया कि अनारकली ऑफ आरा का ऑफर जे.एफ.एफ के दौरान ही उन्हें मिला था जब वे अविनाश दास से मिली थी।
चौथे ही दिन फिल्म “गुटरूं गुटरगूं“ की स्क्रिप्ट राइटर व अभिनेत्री अस्मिता शर्मा की पहली फिल्म को दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जिसके चलते अस्मिता बेहद उत्साहित नज़र आयी। उम्मीद से ज़्यादा तारीफ सुन कर अस्मिता आश्चर्यचकित अस्मिता ने कहा “हमने ईमानदारी के साथ फिल्म बनायी थी और दर्शकों की सराहना ने बहुत प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिले जिसके चलते एक चुनौति थी लेकिन वितरकों के लिए पटना में टेस्ट रन के चलते फिल्म टैक्स फ्री हो गई। अस्मिता कहती हैं कि रिलीज की दिक़्क़तें हो रही हैं लेकिन जागरण फिल्म फ़ेस्टिवल में मिली प्रतिक्रिया ने उनके हौसले बुलंद किये हैं और हमें उम्मीद है कि हमारी फिल्म भी हर तरफ जाएगी।


इससे पूर्व दर्शकों ने सिनेमा की विविधताओं भरी फिल्मों का लुत्फ उठाया। बॉलीवुड की सशक्त फिल्मों के बीच क्षेत्रीय भाषाओं व अन्तर्राष्ट्रीय फिल्मों और शॉर्ट फिल्मों को दर्शकों की खासी प्रतिक्रिया मिली जो फिल्मकारों के लिए अपने आप में उत्साहवर्द्धक है और उनके प्रोत्साहन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल। शायद दर्शकों का प्यार व उत्साह ही था कि पहली बार एक शॉर्ट फिल्म के निर्माता बनी अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने शॉर्ट श्रेणी को स्टार्ट-अप बताया। 

शॉर्ट इज़ बिग विषय पर फेस्टिवल के स्ट्रेटीजिक कंसल्टेंट मनोज श्रीवास्तव के साथ आयोजित कॉफी टेबल सत्र के दौरान टिस्का चोपड़ा ने कहा कि सिनेमा में करियर बनाने वालों के लिए शार्ट फिल्म स्टार्टअप है, जो उन्हें भविष्य में फीचर फिल्म के लिए मददगार रहेगा, क्योंकि मुझे लगता है शार्ट फिल्में सीखने और अच्छा करने का बेहतरीन प्लेटफार्म है। फेस्टिवल में टिस्का की डेबू फिल्म ‘चटनी’ का प्रदर्शन भी किया गया। अपनी फिल्म के अनुभव के विषय में उन्होंने कहा कि अच्छा लर्निंग अनुभव रहा मेरे लिए, यहां मैंने पर्दे के पीछे की मुश्किलों को जाना और अपनी गलतियों के भी सीखा, जो मुझे अगली फिल्म को बेहतर अंदाज में बनाने के मदद करेगा। टिस्का ने बताया कि मैं काफी वर्षों से फिल्म फेस्टिवल से जुड़ी हूं। इसकी खासियत है कि यह देश की जड़ों से जुड़ा है और इसकी पहुंच व्यापक है और इस फेस्टिवल के माध्यम से सिनेमा और शार्ट फिल्म्स दूरदराज के इलाकों तक पहुंचा रहा है।


शॉर्ट फिल्मों की एक और डेबू निदेशक पाखी टायरवाला भी फेस्टिवल के तीसरे दिन दर्शकों से रूबरू हुई और उन्होंने चुनौतियों, मुश्किलों और मजेदार अनुभव सभी के साथ साझा किये। उनके साथ फिल्म की अभिनेत्री सोनाली लूथरा भी मौजूद थीं। टायरवाला ने बताया कि मैंने पूर्व में मेनस्ट्रीम सिनेमा किया है और अब शॉर्ट सिनेमा का भी हिस्सा हूं, मुझे लगता है शॉर्ट फिल्मों के लिए आप में जज़्बा होना जरूरी है साथ ही क्रियेटिविटी की कम समय में आप अपनी बात एक सशक्त संदेश के साथ दर्शकों तक पहुंचायें। जेएफएफ जैसे फिल्म फेस्टिवल से जुड़ना अच्छा अनुभव है क्योंकि इसकी रीच बहुत व्यापक है और शॉर्ट फिल्मों के लिहाज से कमर्शियल सिनेमा के साथ-साथ फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाना महत्वपूर्ण है। यहां आप दर्शकों के रूबरू हो सकते हैं और चर्चा में भाग लेकर सिखने और सिखाने का मौका भी मिलता है।

तीसरे दिन का एक सत्र रहा ‘शिवाय’ द वी.एफ.एक्स. स्टोरी बिहाइंड बाय सारिका सालियान। यहां सारिका ने वी.एफ.एक्स. तकनीक से जुड़ी बारीकियों व अन्य पहलुओं को दर्शकों के साथ साझा किया और उनके सवालों के जवाब भी दिये।

फेस्टिवल के तीसरे दिन की शुरूआत हिंदी में डब कोंकणी फिल्म ’मार्टिन’ से हुई जिसके बाद दिन भर एक से बढ़ कर एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दिखाई गईं जिनमें ’पिंक, अग्निपथ’ और ’द गाजी अटैक’ (निर्देशक- संकल्प रेड्डी) शामिल रहीं। ‘द गाज़ी अटैक’ के प्रति दर्शकों का रूझान देखते ही बनता था। फिल्म देखने आये दर्शकों में कुछ दर्शक ऐसे भी थे जो इस फिल्म को पहले भी कई बार देख चुके थे। ’द गाजी अटैक’ भारत की पहली अंडर-वाटर फिल्म है, जो पाकिस्तानी पनडुब्बी के डूबने के रहस्य को डिकोड करती है। फिल्म की कहानी 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध पर आधारित है जो अमूमन मसाला फिल्मों से अलग ‘वार’ फिल्म है। फिल्म के उपरान्त सभागार में दर्शक फिल्म की तारीफ करते नहीं थके और तालियों की गड़गड़ाहट एक अलग की अनुभूति प्रदान कर रहा था।

मौके पर जेएफएफ के स्ट्रेटीजिक कन्सलटेंट मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि मौसम के बदलते मिजाज़ और विभिन्नता भरा सिनेमा व अनछुए पहलुओं को दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। हर वर्ष की तरह जागरण फिल्म फेस्टिवल को दर्शका को प्यार व स्नेह मिला है जो हमारी मौजूदगी व प्रयासों को पुख्ता कर हमें प्रोत्साहित करती है।

1 जुलाई से शुरू हुए इस समारोह के पहले ही दिन मशहूर बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर, केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक्वी, मोरक्को के राजदूत मोहम्मद मलिकी, अभिनेत्री दिव्या दत्ता, तनिष्ठा चटर्जी आदि सहित विभिन्न गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह के दौरान रजनीगंधा से डीएस ग्रुप के असोसिएट वाइस प्रेसिडेंट राजीव जैन व सुरेश कुमार मौजूद रहे।

दूसरे दिन फ़िल्मी दुनिया की चर्चित हस्तियों पर बायोग्राफी लिख चुके कई लेखक, जिनमें यासेर उस्मान, असीम छाबड़ा, उदयन मित्रा, पूनम सक्सेना और प्रकाश के रे जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। दूसरे दिन शामिल हुए सेलीब्रिटी मेहमानों में मनोज वाजपेयी जो कि बॉलीवुड की नाराजगी को साझा करने वाली फिल्म ’नाम शबाना’ की विशेष स्क्रीनिंग के लिए आये थे। उनके अतिरिक्त तनिष्ठा चटर्जी ने भी दूसरे दिन दर्शकों को आकर्षित किया। तनिष्ठा अपनी फिल्म डॉक्टर रख्माबाई के लिए आयीं थी। दूसरे दिन उरुग्वे, अल्जीरिया और सूडान के राजदूत ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

वहीं तीसरे दिन अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा, अभिनेता राकेश बेदी, निर्देशक विनोद पांडे, डेबू निदेशक पाखी टायरवाला, अभिनेत्री सलोनी लूथरा की उपस्थिति रही। चौथे दिन एक्टिंग पर बैरी जॉन एक्टिंग स्टूडियों के अनिरूद्ध धनियन की मास्टर क्लास, गुटरूं गुटरगूं फिल्म के निर्देशक प्रतीक शर्मा व अभिनेत्री अस्मिता शर्मा और अनारकली ऑफ आरा की अभिनेत्री स्वरा भास्कर व निर्देशक अविनाश दास की मौजूदगी प्रमुख आकर्षण रहे।

कार्यक्रम में श्री नक्वी और श्री संजय गुप्त ने फेस्टिवल पर एक डाक टिकट भी जारी किया। पारम्परिक उद्घाटन के उपरान्त आनन्द सुरापुर की फिल्म ’द फकीर ऑफ वेनिस’ का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ जहां फिल्म के प्रोड्यूसर व डायरेक्टर भी मौजूद थे।

इस वर्ष जेएफएफ द्वारा मोरक्को को कंट्री पार्टनर बनाए जाने पर किंगडम ऑफ मोरक्को के राजदूत मोहम्मद मलीकी ने हर्ष जताते हुए कहा कि, “फेस्टिवल में हमारे देश की लगभग 12 फिल्में दिखायी जायेंगी, जिससे भारत के लोग हमारे बारे में और ज्यादा जान पाएंगे।“

Happy Birthday- Mahendra Singh Dhoni

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SK Yadav welcomes 10 degree black belt

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Sensai SK Yadav welcomes 10 degree black belt - Sensai Giyu Gibo from Okinawa Japan
And 8 degree black belt - Dr Kiyoshi Reithnam from Chennai India.

For Personal/Individual/group/School & Society-Karate training call
Mr. Sunil Kumar Yadav  (4 Dan Black Belt-B.P.E. M.P.Ed.) 9810143483

भारतीय खेल और फिटनेस कार्निवाल का आयोजन त्यागराज स्टेडियम में सफलतापूर्वक रोप स्किपिंग में लिम्का रिकॉर्ड प्रयास का समापन

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स्टेन पैराडाईज एंड आईएसएएफसी एवं स्किप एन फिट इंडिया के सहयोग से दो दिवसीय भारतीय खेल और फिटनेस कार्निवल का आयोजन किया। इस मौके पर रोप स्किपिंग फेडरेशन आॅफ इंडिया ने वाइस चेयरमैन और भारत में रोप स्किपिंग के फाउंडर भीम सेन वर्मा,स्किप एन फिट इंडिया अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी निर्देश शर्मा,स्किप एन फिट इंडिया के महासचिव अशोक कुमार निर्भय विशिष्ट अतिथि थे। 

इस मौके पर मुख्य अतिथि मिस यूनीवर्स रोमानिया अंका वर्मा, अध्यक्ष, ओलियाला वर्ल्ड ने स्टेन पैराडाईज एंड आईएसएएफसी के सहयोग से विश्व स्तरीय अवसंरचना और प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ अपनी खेल अकादमी शुरू करने की योजना की घोषणा की। सुश्री अंका वर्मा ने कहा, ‘हम जल्द ही पूरे देश में स्पोर्ट्स अकडमी के साथ आ रहे हैं। ओलियाला वर्ल्ड भारत के खेल की प्रतिभाओं को बढ़ावा देने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है। इस गतिविधि के पीछे आदर्श वाक्य ओलंपिक मूल्यों को साझा करने, जानें और जानें का संदेश फैलाना था और प्रत्येक व्यक्ति को नए खेल खोजना था।आईएसएएफ जैसे प्लेटफार्म खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धी माहौल में प्रदर्शन करने और उनके कौशल और योग्यता का परीक्षण करने का मौका देता है। ’

इस आयोजन का मुख्य उदेश्य 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का जश्न मनाने और चिह्नित करने के लिए रोप स्किपिंग खेल के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन में दो मिनट के लिए लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड का प्रयास किया। इस लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में 552 लोगों को अलग आयु वर्ग के बच्चों ने दो मिनट तक स्किपिंग करते हुए लिम्का बुक में नाम दर्ज कराने का प्रयास किया। इस लिम्का बुक आॅफ रिकार्ड्स के प्रयास में दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा, हिमाचल और आंध्र प्रदेश से आये बच्चों ने हिस्सा लिया। नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में स्किप-एन-फिट इंडिया संस्था के समर्थन से प्रयास किया गया था। 

स्किप-एन-फिट इंडिया और स्टेन पैराडाईज भारत भर में रोप स्किपिंग का पूरे भारत में टूनार्मेंट आयोजित करेगा। इस मौके पर स्किप -एन -फिट इंडिया के अध्यक्ष निर्देश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘रोप स्किपिंग एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है यह प्रत्येक खेल के लिए ताकत और सहनशक्ति के निर्माण में मदद करता है हर दिन मात्र के दस मिनट रोप स्किपिंग करने से बॉडी फिट रखने में मदद मिलती है।’ आयोजक सुशांत मल्होत्रा ने कहा कि हर चरण में खेल प्रेमियों के लिए कुछ नया और दिलचस्प दिखाई देगा। हम खेल आधारित इनक्यूबेटर और त्वरक के तहत सभी आगामी खेलों के स्टार्टअप के लिए हमारी विशेषज्ञता के साथ भी समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर आईएसएएफसी के तहत इस बार, हम इस इवेंट में लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हम एक वर्ष या उससे अधिक में आईएसएएफसी को दो बार इवेंट करना चाहते हैं ऐसी गतिविधियों के साथ हम उन सभी खिलाड़ियों और खिलाड़ियों के लिए रास्ते खोल रहे हैं, जो अपने कौशल दिखाने के लिए सही अवसरों से वंचित हैं।’ इस मौके पर स्किप-एन-फिट इंडिया के महासचिव अशोक कुमार निर्भय ने सभी खिलाडियों और उपस्थित अभिभावकों को आभार ज्ञापित किया।

ISHQ BINA - SUFI SONG BY MADHUMITA ACHARYYA BISWAS

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ISHQ BINA - SUFI SONG BY  MADHUMITA ACHARYYA BISWAS -Watch  @youtube 

Happy Birthday- Sourav Ganguly

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 #birthday #Dwarka #Delhi #cricket #SouravGanguly


SILVER WIN FOR YOGA ENTHUSIAST MANMOHAN GUPTA

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Yoga had never been as appealing to the people before as it is now. The main reason in the change in
trend is the fact the way in which yoga has been promoted in recent years. Also people have realized its benefits and there is a dedicated effort to revive, reinforce and strengthen the knowledge about yoga.

Today yoga is practiced across the world and in various forms, with the International Day of Yoga aiming to raise further awareness of its many health benefits. Aiming to encourage and spread this age old legacy of India, Yoga Federation of India held its 13th North India Yoga Sports Championship at Gaziabad. People from all over North India cities came to participate for this competition. 

The championship was organized by Uttar Pradesh Yoga Association from 21st to 23rd June at Sunderdeep College Gaziabad. The Yogasan Competition was held on 22nd June. Manmohan Gupta of Uttam Nagar, Delhi made the entire city proud by winning Silver Medal in Yogasan Competition for male- Above 35 years. He was awarded with a silver medal and certificate by the Yoga Fedetration of India. Manmohan Gupta is quite ecstatic on winning the medal and gives all the credit to his teacher Krishan Kumar Garg, International Yoga Champion who showed him this path of holistic well being. Manmohan says that he has cured himself by all lifestyle diseases
through Yoga which he now follows with passion. Manmohan is now working towards realizing his dream of winning the Yoga Competition at national level.
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