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'गेट सेट वेट' पूल पार्टी में युवाओं ने की जमकर मस्ती

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—चन्द्रकांत शर्मा—
गर्मी के मौसम में पूल पार्टी का अलग ही मजा है। फैंटसी नाइटलाइफ व यूनाइटिड ग्रुप ने दिल्ली में गेट सेट वेट 2.0 पार्टी का आयोजन किया, जिसमें डीजे एना व डीजे क्रेजी ऐंजल की धुनों पर युवाओं ने जमकर मस्ती की।

 पार्टी के संचालकों गगन शर्मा, मोहित बंसल व कर्ण जसवाल ने बताया कि वो अक्सर ऐसी पार्टियों का आयोजन करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी की खासियत यह रहती है कि उनकी पार्टी थीम पर आधारित होती है। उन्होंने बताया कि वे जल्द ही अपने ग्रुप की एक लॉन्च पार्टी भी करने वाले हैं।

इस अवसर पर फिल्म अभिनेत्री आकृति भारती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी। पार्टी में रतनदीप लाल, गौरव एबोट, सौरभ शर्मा, अनशुमन त्रिपाठी, मोहित दत्ता, संदीप कौर, प्रीति वोहरा, सिमरन राजपाल, उमेश कपूर, उदित चौहान, नितिन, कनिका महाजन, दीपिका यादव व नेहा सहित फैशन जगत की कई हस्तियां मौजूद थीं।

Happy Father's Day

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Marathon Schedule of Film "PENALTY" completed.

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A 45 days long marathon shooting schedule of Film "PENALTY" a Kay Kay Menon, Shashank Arora, Manjot Singh & Lukram Smil starring, was completed recently. Film was shoot in mixture of hot and cold locations like in Various hot places of Lucknow, in Bhivandi of Maharashtra and chilling locals of Shillong. Film "Penalty" is based on game of football, it is being made under the banner of Rudrakshh Films.

Film is being directed by Shubham Singh, produced by Nilesh Sakhiya, Ritu Shrivastava and Aditya Shrivastava, it is written by Sparsh Khetrapal, Akhilesh Choudhary with music by Siddhant Madhav, cinematography by Mateusz Golebiewski, action by Abbas Ali Moghul, editing by Santosh Mandal, sound by Parikshit Lalwani, Production designer by Sachin Bhoir. Naseer Mulani is executive producer and Sachin Prajapati is line producer of this film.

एमसीडी के ट्रकों के लिए तरपैल की व्यवस्था करें !

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थोड़े दिन पहले की बात है कि मैं अपने परिवार के साथ द्वारका से तुग़लकाबाद जा रहा था और जब हम हौज़ खास पहुँचे तो दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन का कूड़ा लेकर जाता हुआ एक ट्रक हमारे आगे आ गया ! जैसे २ उस ट्रक के ड्राइवर ने अपनी स्पीड बढ़ाई , ट्रक में भरा हुआ कूड़ा भी ट्रक से उड़ने लगा , यह दृश्य देखने को तो गन्दा लग ही रहा था , साथ २ ट्रक से उड़ता हुआ कूड़ा कर्कट सड़क पर और इधर उधर फैलता जा रहा था ! क्योंकि हमलोग तो गाड़ी में जा रहे थे , उस उड़ते हुए कूड़े कर्कट की बदबू तो हमें नहीं आई , मग़र यह दृश्य सड़क पर चलने वाले अनेकों लोगों के लिए बड़ा ही घटिया और परेशान करने वाली बदबूनुमा हो गया ! सभी लोग या तो किसी तरह उस ट्रक से आगे निकलने का प्रयास करने लग गए या फिर उन्होंने ट्रक से अपनी दूरी ज़्यादा बढ़ाने लग गए ! यहॉँ एक तरफ़ तो सरकार हमेशा साफ़ सफ़ाई रखने के लिए समाचार पत्रों और टीवी में विज्ञापनों के ज़रिये इसपे इतना ज़ोर दे रही है और बहुत से लोग इस मुहिम में सरकारी एजेंसियों से सहयोग भी कर रही हैं , वहीं पर ट्रक से उड़ता हुआ कूड़ा करकट सरकार द्वारा चलाए जा रहे सफ़ाई अभियान का एक तरह से मज़ाक ही उड़ा रहा था !

इस घटना के बारे में लिखने का मेरा मतलब यही है कि दिल्ली में एमसीडी की तीनों ब्रांचों / उनके अधिकारियों से मेरा अनुरोध है कि ऐसे कूड़ा लेजाने वाले प्रत्येक ट्रक के लिए एक - २ तरपैल भी प्रदान की जानी चाहिए, ताकि कूड़ा उठाकर उसे निपटाने वाली जगह पर छोड़ने के वक़्त उस ट्रक में जा रहे सफ़ाई कर्मचारी कूड़े के ऊपर वोह तरपैल डालकर ही लेजाएं और सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों के लिए ऐसी घटना किसी भी तरह की परेशानी का कारण ना बने ! और ऐसा करने से जगह -२ कूड़े की वजह से फ़ैलने वाली बदबू और बेवजह की बिमारियों से भी निज़ात मिल जाएगी ! 

आर डी भारद्वाज "नूरपुरी "

योग- अपनाएं समाज को रोगमुक्त बनाएँ

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(21 जून अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को समर्पित लेख)

(एस.एस.डोगरा)

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।


संस्कृत के उपरोक्त श्लोक का हिंदी में अर्थ है कि सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

आज के भागमदौड़ वाले व्यस्तम जीवन में मनुष्य को शारीरिक व मानसिक शांति के लिए कोई समाधान है ही नहीं. इसी का सबसे बड़ा हल ही योगाभ्यास है.

जिसके करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक मजबूती मिलती है. और वो भी नि:शुल्क. इससे बढ़िया विकल्प क्या हो सकता है कि आप पुरे दिन के 24 घंटे में मात्र एक-आध घंटे के समय देकर जीवन की सबसे बहुमूल्य शारीरिक, मानसिक संतुष्टि एवं एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं. फलस्वरूप, अपने जीवन में बेशुमार सफलताएँ अर्जित कर सकते हैं.

21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना प्रतेयक भारतीय के लिए गर्व का विषय है. वैसे भी आज योग को लेकर कुछ राजनैतिक व धार्मिक हठ्ठी लोग बेवजह ही इसे विवाद का मुद्दा बना रहे हैं जो पुरे मानव समाज के लिए कतई हितकारी नहीं है. वर्तमान समय में यदि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से योग को संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में पहल की तो उसे सराहा जाना चाहिए. वैसे इसे लोकप्रिय बनाने में पूर्व कई गुरुओं हाल ही गुरु रामदेव जी का भी बड़ा योगदान है.

इतिहास गवाह है पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अस्सी के दशक में योग गुरु धीरेन्दर ब्रहमचारी को दूरदर्शन(तत्काल समय का एक मात्र टीवी चैनल) पर नियमित रूप से प्रसारित कर योगा को लोकप्रिय करने में अहम् भूमिका अदा की थी.

“घर का जोगी जोगडा बाहर का योगी सिद्ध” जी हाँ, आज पुरे विश्व के अनेक देशों में योगा के नाम पर कितने ही योग एक्सपर्ट चांदी कूट रहे हैं और हमारे देश में इसे हीनता की शिकार होना पड़ रहा है. योग को सही रूप से अपनाया जाए तो देश में खेलों का भला हो सकता है क्योंकि योग के माध्यम से किसी भी खिलाडी को शारीरिक लचीलापन बनाने तथा मानसिक एकाग्रता जैसे गुणों को ग्रहण करने में सहायता मिलती है जो उसे सफल राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाडी बनाने में सहायक साबित हो सकती है.

और यदि स्पोर्ट्स कल्चर के तौर पर सभी शैक्षिक संस्थाओं व कार्यस्थलों पर नियमित रूप से अपनाया लिया जाए तो पूरा देश निरोगी हो जाएगा और शायद एशियाई एवं ओलिंपिक पदक सूची में कुछ सम्मानजनक स्थिति कायम करने में भारतवर्ष को जरुर कामयाबी मिल सकती है. इससे भी बड़ी बात यह भी है कि चाहे हम किसी भी पद, नौकरी, व्यवसाय आदि में कार्यरत हों जब तक हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होंगे हम किसी भी कार्य को बखूबी नहीं कर सकते हैं. कहने का अर्थ है कि योग के माध्यम से हम अपने आपको अधिक सक्षम बनाकर अपने समाज व् देश को मजबूत बनाने में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन इस देश की विडंबना है कि ज्यादातर हमारे समाज में विशेषकर युवकवर्ग  बिना किसी शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम के बस अधिकाधिक धन कब्जाना चाहते हैं जिससे आज सभी अभिभावक जूझ रहें हैं. 

हमें इस बात को तो अवश्य ही समझना होगा इसमें कुछ तो करिश्मा जरुर है कि जिसे संपन्न देशों के ज्यादातर लोग अपनी दिनचर्या में विशेष महत्त्व देते हैं और अपने आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के  लिए हमारी परम्परागत अनमोल धरोहर को अपनाकर नित नई सफलताएँ अर्जित करने में सक्षम बनते जा रहे हैं. इसके विपरीत, हम हिन्दुस्तानी एक दुसरे की टांग खिचाई के अलावा बेफिजूल की बहस का मुद्दा बनाकर दुष्प्रचार कर अपना तथा अपने देशवासियों विशेषकर युवा पीढ़ी का नुकसान करने पर तुले हुए हैं. लेकिन आज ये मुद्दा राजनीति व धार्मिक कट्टरता या कहे टांग खिचाई के सिवाय कुछ भी नहीं है.

आज इस मुद्दे पर मात्र नकारत्मक मानसिकता लिए उट पटांग की टीका टिप्पणी करने वाले राजनैतिक व् धार्मिक लोग समाज में भ्रान्ति फ़ैला रहे है हालाँकि उन्हें इस विषय कोई पुख्ता जानकारी है ही नहीं. लेकिन अपने आपको चर्चा में बनाए रखने के लिए ही सही इस पर अनाप शनाप व्यक्तव्य देकर दुष्प्रचार कर रहे हैं. परन्तु इससे जागरूक व् परिपक्व समुदाय पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है लेकिन कई बार यह जानकर दुःख होता है कि इसी समाज में धार्मिक व् राजनैतिक चोला पहने हुए लोग अपनी बेतुकी हरकतों से बाज नहीं आते हैं. घर में या योगा केंद्र पर जाकर भले ही अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए इस पौराणिक अमूल्य धरोहर का अनुसरण करते हो परन्तु अन्य नादान एवं भोले लोगों को गुमराह करने में सबसे आगे रहते हैं. इसे धार्मिक प्रतिष्ठा एवं साम्प्रदायिक मुद्दा न बनाएं एक स्वच्छ, स्वस्थ, क्रियाशील, सकारत्मक, माहौल पैदाकर देश निर्माण एवं विकास के लिए पहल दिखाएँ तभी तिरंगा अन्य देशों में भी शान से लहराने लगेगा. भ्रान्तिवान एवं देशद्रोही लोगो से बचकर स्वस्थ समाज निर्माण कार्य के लिए सभी भारतवासियों को योग को राष्ट्रीय अभियान समझकर सफल बनाना होगा तभी हम एक स्वस्थ, निरोगी, बलशाली समाज बनाने में कामयाब होंगें. इन्ही मजबूत इरादों को अपनाकर भारत वर्ष को वैश्विक स्तर मजबूती मिलेगी और देश को पुरे विश्व में इस बहुमूल्य धरोहर को पुरे जगत में लोकप्रिय बनाने में अवश्य ही गरिमामय रूप से सफलता भी प्राप्त होगी. आम जन मानस से जुड़े योग जैसे अहम् विषय को राजनैतिक एवं धार्मिक अखाडा न बनाएँ

समाज को रोगमुक्त बनाने के लिए योग अवश्य ही अपनाएँ.

Happy Birthday- Rahul Gandhi

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Annual programme of Melody Foundation Aarohan "17

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View more @link : https://youtu.be/lV9qCmr8lSY

Happy Birthday- Neetu Chandra

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Usha International launches India’s first-ever range of advanced straight stitch sewing machines

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ऊषा ने भारत की अब तक की पहली ऐडवांस्ड स्ट्रेट स्टिच सिलाई मशीन लाॅन्च की
भारत की अग्रणी कंज्यूमर ड्यूरेबल और नंबर वन सिलाई मशीन कंपनी ऊषा इंटरनेशनल, ने सिलाई मशीन की श्रेणी में अपने नये आविष्कार- ऊषा नोवा और ऊषा नोवा प्रो का अनावरण किया है। इस रेंज में स्ट्रेट स्टिच सिलाई करने वाली मशीन की कार्यक्षमता के साथ आॅटोमैटिक मशीन की सुविधा का संयोजन किया गया है।इस नई रेंज को बेहतर दिखावट के लिये इन-बिल्ट एलईडी लाइट, थ्रेड कटर और आसान रिवर्स स्टिचिंग के लिये वन टच रिवर्स स्टिच बटन जैसे फीचर्स के साथ कस्टमाइज किया गया है। अन्य फीचर्स में विभिन्न प्रकार के कपड़ों पर सही रूप से चलाने के लिये एडवांस प्रेसर एडजस्टर, भारी कपड़े जैसे डेनिम पर काम करने के लिये एक्स्ट्रा प्रेसर फुट लिफ्ट और महज एक बटन छूने से सिलाई से कढ़ाई की तरफ शिफ्ट करने के लिये फीड ड्राॅप नाॅब शामिल हैं।

ऊषा नोवा रेंज के लाॅन्च पर, सुश्री जयति सिंह, वीपी मार्केटिंग-कुकिंग अप्लांयसेस एंड स्यूईंग मशीन्स, ऊषा इंटरनेशनल ने कहा, ‘‘हमें अपनी ऊषा नोवा की नई रेंज लाकर बहुत खुशी महसूस हो रही है, जिसे ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिये तैयार किया गया है।

नोवा रेंज को मुख्य रूप से उन ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया, जो अपनी स्ट्रेट स्टिच सिलाई मशीनों से बुनियादी रफू व सिलाई से कहीं अधिक काम लेते हैं। भारत में सिलाई मशीन के बाजार को विस्तार देने के लिये इस श्रेणी में हम और अधिक नवाचारों को लाना जारी रखेंगे।’’

ऊषा नोवा रेंज तीन वैरिएंट्स में उपलब्ध है- ऊषा नोवा हैंड आॅपरेटेड, फ ुट आॅपरेटेड, इन-बिल्ट मोटर के साथ ऊषा नोवा प्रो। इस मशीन में स्मार्ट रंगों के विकल्प के साथ एलुमिनियम डाई-कास्ट बाॅडी है और इसे इधर-उधर ले जाने के लिए कैरी हैंडल भी है।

सिलाई मशीन की श्रेणी में ऊषा अग्रणी है और पहले भी कई आविष्कारी उत्पाद लाॅन्च कर चुकी है। इसके अंतर्गत रोबोटिक एम्ब्राॅयडरी आर्म के साथ, ऊषा जेनोम मेमोरी क्राफ्ट 450ई, ऊषा जेनोम मेमोरी क्राफ्ट 15000, पहली वाई-फाई इनेबल्ड मशीन और ऊषा जेनोम-माय फैब बार्बी, भारत की पहली अपनी तरह की बच्चों की सिलाई मशीन है। साथ ही ग्राहकों को जोड़ने के लिये ऊषा द्वारा ऊषा एचएबी में थिमैटिक वर्कशाॅप का भी आयोजन किया जाता है।

ऊषा एचएबी मुंबई और कोच्चि में अपनी तरह का पहला प्रायोगिक सिलाई स्टोर है। ऊषा नोवा रेंज की कीमत 6500 रुपये से ऊपर है और यह पूरे भारतभर में उपलब्ध है। साथ ही कंपनी ने सभी ऊषा ब्रांड स्टोर्स और रिटेल आउटलेट्स पर प्रोडक्ट का डेमो उपलब्ध कराया है।

INTERNATIONAL YOGA DAY – 21st June

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समाज एवं देश को मजबूत करने के लिए योग अपनाएं

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। 
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।

संस्कृत के उपरोक्त श्लोक का अर्थ है: सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

Yoga – an Indian Physical, Mental and Spiritual Practice or Discipline – (Yoga means to unite, or join or attach; Yoga also implies the Union with the Supreme) – a Disciplined Method for Attaining a Goal, comprising Techniques of controlling the Body and the Mind, the name for the Indian School of Philosophy and a Path to Omniscience, involving an Analysis of Perception and Cognition – must be taught to students from an early age. Yoga is a Holistic and an Integral Science of Life dealing with Physical, Mental, Emotional and Spiritual Health of the Individual and Society.



Students regularly practising Yoga will develop logical and critical thinking abilities, the power of reasoning and an analytical approach towards problem solving; they will be objective in thought, speech and action and will tend to be organized and systematic; they will learn mathematical concepts and computational techniques at high speed; they will be rational and pragmatic, with the aptitude to think in words and numbers and also be capable of expanding their linguistic skills.

At the same time, students will build up their intuition and creativity, attain clarity in thought process and will be subjective in their attitude and expressive and illustrative in nature; they will become optimistic and will broaden the capacity for holistic thinking. They will be more tuned to visualization.

Students will be thus able to Live Life to its Full Potential, ultimately, resulting in students getting transformed into Healthy and Mature Adults, consequently blossoming into Visionaries and Creative Thinkers. Students will get Inspired and will also be a source of Motivation, thus Constantly Creating New Horizons for Humankind and Humanity.

One can very well imagine the Silence, the Stillness, the Calm and the Peace as 2 Billion People across the Globe Demonstrate to the billions of denizens, the Power and Importance of Yoga.


Anup Y. Attavar
Connecting Indians
B.E. Mech. (COEP, Pune); P.G.D. – International Trade (IIFT, New Delhi)
Alumnus – Loyola High School, Pune (India)
Independent Creative Writer & Editor
Independent Marketing Consultant
Special Correspondent (Western India) – Dwarka Parichay Newspaper
US Higher Education Counsellor for Statements of Purpose (SOP) & International Scholarship Essays
Author – 'World Famous Indian Scientists' (Published in July 2011)
Writer – Articles; Speeches; Web Content; Company Profiles
Editor – MBA Project Reports; PhD Theses; English Texts
Email: anup.attavar@gmail.com URL: www.anupattavar.in

AUTOMATED PEDESTRIAN DETCTION SYSTEM STRESSED FOR ZEBRA CORSSINGS IN DELHI

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Eminent road safety experts attending the day long Intelligent Transportation (ITS) roundtable here today stressed on the need of setting up a Nodal agency consisting of various ministries for fast implementation of ITS for reducing traffic congestion, thus improving the efficiency of overall road transportation systems in various major cities in the country.

“Intellegence Transportation System (ITS) is globally proven system to optimize the utilization of existing transport infrastructure and improve transportation systems in terms of efficiency, quality, comfort and safety.The fast-growing field of intelligent transport systems (ITS) spans everything from freight transport and traffic management to in-vehicle services like driver alert.” said Mr K K Kapila, Chairman, International Road Federation (IRF), a Geneva based global body working for better and safer roads word wide while speaking at the conference organised by IRF .

“ At present for implementation of ITS in India one has to deal with various ministries including Ministry of Road Transport, State Governments, Ministry of Communication, Industry , Ministry of Urban Development and Bureau of Indian Standards. Setting up of unified Nodal agency will help in faster implementation of ITS in the country and develop standards that support ITS services and their interoperability. This will also help develop ITS standards suited to Indian conditions governing everything from on-board communications and vehicle ID, to public travel security and route guidance services.” said Mr Kapila.

“The problem of traffic congestion is spreading globally, creating numerous difficulties for travelers such as unpredictable delays in reaching the destinations, increasing pollution due to congestion, ITS technologies for roads and vehicles are helpful in enhancing mobility, enhance safety, improve environmental conditions, and reduce traffic congestion, thus improving the efficiency of overall road transportation systems” said Mr Vijay Chhibber, Former Secretray, Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) speaking on the occasion.

“ Delhi has one of the highest number of road accident death in the country with pedestrians most venerable, it is high time automatic pedestrian detection devices and a smart lighting system in improving pedestrian safety is installed at various Zebra crossings in the national capital. Most of the lighting installed shuts even yet the pedestrian has not crossed the road. The smart lights will detect the pedestrian and close only when the passenger has fully crossed the road “ said Prof P.K.Sarkar of School of Planning and Architecture (SPA) while speaking on the occasion.

.” These countermeasures for pedestrians are being used world wide successfully , these devices also help in evaluating pedestrians' and motorist behaviour and an improvement in motorists' yielding behaviour. A reduction in the number of pedestrians trapped in the roadway” added Prof sarkar.

The Eminent experts who participated the conference included Mr Balraj Bhanot, Chairman, BIS, Transportation Engineering Department, Dr Adnan Rahman, Director General, IRF, Mr Jeevan Talegaokar of Ericsson and other representatives of ITS industry.

योग- अपनाएं समाज को रोगमुक्त बनाएँ

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(21 जून अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को समर्पित लेख)

(एस.एस.डोगरा)

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।


संस्कृत के उपरोक्त श्लोक का हिंदी में अर्थ है कि सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।

आज के भागमदौड़ वाले व्यस्तम जीवन में मनुष्य को शारीरिक व मानसिक शांति के लिए कोई समाधान है ही नहीं. इसी का सबसे बड़ा हल ही योगाभ्यास है.

जिसके करने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक मजबूती मिलती है. और वो भी नि:शुल्क. इससे बढ़िया विकल्प क्या हो सकता है कि आप पुरे दिन के 24 घंटे में मात्र एक-आध घंटे के समय देकर जीवन की सबसे बहुमूल्य शारीरिक, मानसिक संतुष्टि एवं एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं. फलस्वरूप, अपने जीवन में बेशुमार सफलताएँ अर्जित कर सकते हैं.

21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाना प्रतेयक भारतीय के लिए गर्व का विषय है. वैसे भी आज योग को लेकर कुछ राजनैतिक व धार्मिक हठ्ठी लोग बेवजह ही इसे विवाद का मुद्दा बना रहे हैं जो पुरे मानव समाज के लिए कतई हितकारी नहीं है. वर्तमान समय में यदि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से योग को संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में पहल की तो उसे सराहा जाना चाहिए. वैसे इसे लोकप्रिय बनाने में पूर्व कई गुरुओं हाल ही गुरु रामदेव जी का भी बड़ा योगदान है.

इतिहास गवाह है पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी ने भी राष्ट्रीय स्तर पर अस्सी के दशक में योग गुरु धीरेन्दर ब्रहमचारी को दूरदर्शन(तत्काल समय का एक मात्र टीवी चैनल) पर नियमित रूप से प्रसारित कर योगा को लोकप्रिय करने में अहम् भूमिका अदा की थी.

“घर का जोगी जोगडा बाहर का योगी सिद्ध” जी हाँ, आज पुरे विश्व के अनेक देशों में योगा के नाम पर कितने ही योग एक्सपर्ट चांदी कूट रहे हैं और हमारे देश में इसे हीनता की शिकार होना पड़ रहा है. योग को सही रूप से अपनाया जाए तो देश में खेलों का भला हो सकता है क्योंकि योग के माध्यम से किसी भी खिलाडी को शारीरिक लचीलापन बनाने तथा मानसिक एकाग्रता जैसे गुणों को ग्रहण करने में सहायता मिलती है जो उसे सफल राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाडी बनाने में सहायक साबित हो सकती है.

और यदि स्पोर्ट्स कल्चर के तौर पर सभी शैक्षिक संस्थाओं व कार्यस्थलों पर नियमित रूप से अपनाया लिया जाए तो पूरा देश निरोगी हो जाएगा और शायद एशियाई एवं ओलिंपिक पदक सूची में कुछ सम्मानजनक स्थिति कायम करने में भारतवर्ष को जरुर कामयाबी मिल सकती है. इससे भी बड़ी बात यह भी है कि चाहे हम किसी भी पद, नौकरी, व्यवसाय आदि में कार्यरत हों जब तक हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होंगे हम किसी भी कार्य को बखूबी नहीं कर सकते हैं. कहने का अर्थ है कि योग के माध्यम से हम अपने आपको अधिक सक्षम बनाकर अपने समाज व् देश को मजबूत बनाने में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. लेकिन इस देश की विडंबना है कि ज्यादातर हमारे समाज में विशेषकर युवकवर्ग  बिना किसी शारीरिक एवं मानसिक परिश्रम के बस अधिकाधिक धन कब्जाना चाहते हैं जिससे आज सभी अभिभावक जूझ रहें हैं. 

हमें इस बात को तो अवश्य ही समझना होगा इसमें कुछ तो करिश्मा जरुर है कि जिसे संपन्न देशों के ज्यादातर लोग अपनी दिनचर्या में विशेष महत्त्व देते हैं और अपने आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के  लिए हमारी परम्परागत अनमोल धरोहर को अपनाकर नित नई सफलताएँ अर्जित करने में सक्षम बनते जा रहे हैं. इसके विपरीत, हम हिन्दुस्तानी एक दुसरे की टांग खिचाई के अलावा बेफिजूल की बहस का मुद्दा बनाकर दुष्प्रचार कर अपना तथा अपने देशवासियों विशेषकर युवा पीढ़ी का नुकसान करने पर तुले हुए हैं. लेकिन आज ये मुद्दा राजनीति व धार्मिक कट्टरता या कहे टांग खिचाई के सिवाय कुछ भी नहीं है.

आज इस मुद्दे पर मात्र नकारत्मक मानसिकता लिए उट पटांग की टीका टिप्पणी करने वाले राजनैतिक व् धार्मिक लोग समाज में भ्रान्ति फ़ैला रहे है हालाँकि उन्हें इस विषय कोई पुख्ता जानकारी है ही नहीं. लेकिन अपने आपको चर्चा में बनाए रखने के लिए ही सही इस पर अनाप शनाप व्यक्तव्य देकर दुष्प्रचार कर रहे हैं. परन्तु इससे जागरूक व् परिपक्व समुदाय पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ने वाला है लेकिन कई बार यह जानकर दुःख होता है कि इसी समाज में धार्मिक व् राजनैतिक चोला पहने हुए लोग अपनी बेतुकी हरकतों से बाज नहीं आते हैं. घर में या योगा केंद्र पर जाकर भले ही अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए इस पौराणिक अमूल्य धरोहर का अनुसरण करते हो परन्तु अन्य नादान एवं भोले लोगों को गुमराह करने में सबसे आगे रहते हैं. इसे धार्मिक प्रतिष्ठा एवं साम्प्रदायिक मुद्दा न बनाएं एक स्वच्छ, स्वस्थ, क्रियाशील, सकारत्मक, माहौल पैदाकर देश निर्माण एवं विकास के लिए पहल दिखाएँ तभी तिरंगा अन्य देशों में भी शान से लहराने लगेगा. भ्रान्तिवान एवं देशद्रोही लोगो से बचकर स्वस्थ समाज निर्माण कार्य के लिए सभी भारतवासियों को योग को राष्ट्रीय अभियान समझकर सफल बनाना होगा तभी हम एक स्वस्थ, निरोगी, बलशाली समाज बनाने में कामयाब होंगें. इन्ही मजबूत इरादों को अपनाकर भारत वर्ष को वैश्विक स्तर मजबूती मिलेगी और देश को पुरे विश्व में इस बहुमूल्य धरोहर को पुरे जगत में लोकप्रिय बनाने में अवश्य ही गरिमामय रूप से सफलता भी प्राप्त होगी. आम जन मानस से जुड़े योग जैसे अहम् विषय को राजनैतिक एवं धार्मिक अखाडा न बनाएँ

समाज को रोगमुक्त बनाने के लिए योग अवश्य ही अपनाएँ.

Enhance Beauty With Yoga

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Shahnaz Husain

INTERNATIONAL YOGA DAY ON JUNE 21

Almost 5,000 year old well-known ancient practices of Yoga can greatly aid in lifelong pursuit of beauty .Every one wants a glowing radiant skin and people inevitably start discussing about their trusted range of cosmetic products such as cleansers, moisturisers, and facial masks, but they really do not need harsh chemical or expensive beauty treatments to achieve this . Those who regularly practice yoga can add a permanent glow to their faces .Yoga also helps to attain ideal body weight and gives a proportionate body by removing excess weight and unwanted fat from all body organs.Yoga improves blood circulation and helps to remove toxins from the body which helps to look more youthful , radiant and beautiful naturally .

Yoga is one of the well-known ancient practices for good health, and the oldest philosophies of Ayurveda owing to its holistic approach to healing and wellness aspects

You do not have to be born beautiful. You can acquire it. I have always said that good health and beauty are two sides of the same coin. Unless you are healthy from the inside, you cannot reflect true beauty. I believe that yoga is very relevant to our modern lifestyle, in terms of both health and beauty.

One of the asanas that is necessary for beautiful skin and hair is Pranayam, as it helps to reduce stress, increase oxygenation and improve blood circulation. Pranayama is one of the best exercises of correct breathing. Devoting a few minutes everyday allows us the means of natural cleansing of the system. These exercises are now being followed worldwide. Close one nostril with the fingers. Then breathe in through the other nostril. The air should be inhaled in short sniffs. Then close the second nostril and breathe out. Breathe in again through the other nostril and breathe out the same way. Alternate it up to ten times. This not only purifies the blood stream, but cleansers the entire filtering system.


Yoga improves blood circulation, including the circulation of blood to the skin surface. This is so important for the good health of the skin, as it helps to supply essential nutrients to the skin. It also promotes the removal of toxins through the skin. It tones the skin, improves oxygenation to the skin, imparts a beautiful glow and keeps the skin youthful and free from problems. The same goes for the hair. Yoga helps to promote blood circulation and oxygenation to the scalp and hair follicles. This helps to supply nutrients in the blood stream to the hair follicles. It promotes hair growth and keeps the scalp healthy.

When we talk of beauty, we do not talk only about the beauty of the face. It also includes the figure - with suppleness, good posture and grace. A slim figure can take years off and make you look well groomed. Many beauty problems are triggered off by stress. Since yoga helps to induce relaxation and reduce stress, it helps in dealing with stress-related conditions like acne, hair loss, dandruff, etc. Studies conducted on those who practice yoga have shown that positive changes also occur in the personality, in attitudes, emotional stability and self-confidence. It has a direct effect on the mind, emotions and mood. In fact, Yoga is a regular stress-buster and puts the glow back on you skin. Feeling good will make you look good too!

As we all know, Yoga deals with physical exercises, called “Asanas,” which entails the assuming of well defined poses, with precise results. Yoga helps in dealing with beauty problems that are triggered by stress, like acne. Asanas for acne help to reduce stress and also keep the system flushed, getting rid of toxins and wastes. The asanas that help acne are Uttanasana – This is a standing and forward bending pose, in which the body is fully bent, with hands holding the ankles. Kapalbhati – a breathing exercise, is also said to help an acne condition. In this, the exhaling of breath is done with a little force. It is said to help remove carbon dioxide and thus purify the blood. This also helps to decongest the system.

Dhanurasana – This posture resembles a bow. It is excellent for removing toxins and flushing the system. It also promotes blood circulation and reduces stress. It benefits the skin, making it clear and adding a glow. Therefore, it can help to control an acne condition.

Protecting youthful properties:

The regular practice of yoga helps to preserve the youthful properties of the skin and body. It keeps the spine and joints flexible and this goes a long way in keeping the body supple and youthful. There are numerous other benefits. The posture improves and so does grace of movement. It also helps to reduce weight. Muscles are toned and blood circulation improves. Yoga also helps to relieve fatigue and allow recuperation of energy. It has powerful rejuvenating and revitalizing benefits. Surya Namaskar is ideal, as it exercises the entire body and has a rejuvenating effect on both body and mind. It is a set of 12 poses or “asanas,” in a particular sequence, accompanied by controlled breathing. It helps the organ systems to stay healthy, apart from keeping the body youthful and the mind calm. It is ideal for delaying the visible signs of ageing on both body and face.

For wrinkle-free skin, try this yoga “asana” along with Pranayama. Stand straight and place feet and legs wide apart. Cover face with palms and breathe deeply and quickly for 10 counts. Then while continuing breathing, rub the face with the fingers, starting from chin and going to the forehead. Include the area around eyes. This helps to make the skin smooth, firm and radiant.

The 12 poses of Surya Namaskar also help to control excessive sweating. Surya Namaskar induces relaxation and reduces anxiety, which is sometimes associated with excessive sweating. Calming both body and mind also help the problem.

The author is international fame beauty expert and is called Herbal beauty queen of India

International Yoga Day was celebrated

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International Yoga Day was celebrated on 21st June, 2017 in the Shiksha Bharati Public School premises to bring peace harmony, happiness and success to every soul in the world. This was a great opportunity to imbibe the value of discipline. Yoga is a mental, physical and spiritual practice that needs to be carried every day. All the teachers and other well-wishers of the school participated in the celebration and got the chance to know how yoga embodies unity of mind and body.

The Yoga Class was started at 07:30 in the morning and lasted at 09:30 am in the leadership of Shri Shradhanand ji a veteran yoga expert from Bhartiya Yog Sansthan. Principal of the school extended her heartfelt thanks to Sh. Shradhanand Ji on behalf of the students, staff and management of the school for giving his valuable time and expertise to the participants of the celebration

Happy Birthday- Amrish Puri

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Hot products @Heavy discounts : Kindle Paperwhite

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Kindle Paperwhite :Wi-Fi, Paperwhite Display, Higher Resolution, Higher Contrast, Next-Gen Light

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Happy Birthday- Raj Babbar

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स्प्लैश वाटर पार्क रोहतक

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(द्वारका परिचय फ़ीचर डेस्क)

पुरे देश में धूम मचाने के बाद,  स्प्लैश वाटर पार्क अब रोहतक में. सूत्रों के मुताबिक रोहतक में इस नए स्प्लैश वाटर पार्क का भव्य उद्घाटन सुश्री कविता जैन- शहरी स्थानीय निकाय, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण मंत्री, हरियाणा सरकार, रोहतक के विधायक मनीष ग्रोवर, इस सुअवसर पर हरियाणा प्रदेश के भाजपा उपाध्यक्ष राजीव जैन, स्प्लैश वाटर पार्क के निदेशक सतीश राज देशवाल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.

सुखपुरा चौक से जींद बाईपास की और तैयार हुए स्प्लैश वाटर वर्ल्ड सुबह 10 बजे के करीब एंट्री शुरू होने के बाद अपने परिवार के साथ आए बच्चों ने झूलों का बखूबी आनन्द लिया। बच्चों ने अपने परिजनों के साथ फ्री फाल, स्ट्राइकिंग कार, टोरा-टोरा, ड्रेगन, मोनो रेल, जॉइंट व्हील, केटरपिल्लर, मछली झूले का आनन्द लिया। इन झूलों का आनन्द लेने के बाद आगन्तुकों ने पेंडुलम, बॉडी स्लाइड,किड्स पूल, वेव पूल, स्विमिंग पूल में मस्ती करते हुए रेन डांस किया । स्प्लैश वाटर वर्ल्ड में पहुंचे हितेश, संदीप, तरुण, पूजा, अनीता,साक्षी ने झूलों की तारीफ करते हुए कहा कि हमने पहली बार स्प्लैश वाटर वर्ल्ड का रुख किया था। इससे पहले गर्मियों में मौज मस्ती करने के लिए हमे दिल्ली या बाहर जाना पड़ता था। लेकिन अब घर के नजदीक ऐसी जगह न केवल समय बचाएगी, अपितु मस्ती करने का ज्यादा समय देगी।

Splash Water Park - Fun is waiting for you...

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मंसूरी यानि प्राकृतिक सौन्दर्य का अदभुत नज़ारा

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Ariel view of Mussorrie

एस. एस. डोगरा 

उत्तराखण्ड को भारत का स्विट्ज़रलैंड माना जाता है। हरे-भरे वृक्ष, ऊंची-ऊंची पहाड़ियाँ, झील-झरने, प्राकृतिक सौन्दर्य का अदभूत नज़ारा देखने को मिलता है पहाड़ों की रानी मंसूरी में। भारत की राजधानी दिल्ली से मात्र 290 किलोमीटर दूर तथा समुन्द्रतल से 2003 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेहद लोकप्रिय पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है मंसूरी। प्राकृतिक सौन्दर्य के दीवाने गर्मियों में ठण्डक लेने के लिए तथा सर्दियों में बर्फ से ढकी पहाड़ियों पर लुत्फ उठाने, मंसूरी, अक्सर घूमने चले आते हैं। उत्तराखण्ड की राजधानी देहारादून से केवल 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मंसूरी में अनेक दर्शनीय स्थल है। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए स्थानीय बसों तथा निजी वाहनों की मदद से देखा जा सकता है। वैसे मंसूरी शहर में, स्थानीयबस सेवाओं हेतु लायब्रेरी बस स्टैंड, मैसोनिक लोजे तथा टिहरी बस स्टैंड से विभिन्न पर्यटक स्थल तक पहुँचने में सहायक साबित होते हैं। हालांकि इन निजी टैक्सी का भाड़ा थोड़ा अधिक खर्चीला पड़ता है। परन्तु अधिकांश रूप से निजी टैक्सी से अधिकाधिक दर्शनीय स्थल देखने में सुगमता रहती है।
Mussorrie Lake

हिमालयन श्रंखलाओं में स्थित पहाड़ों की रानी को चरितार्थ करने में मंसूरी का कोई मुक़ाबला नहीं है। हरियाली, विशाल पर्वत श्रंखलाओं, घाटियों, सुन्दर फूलों से सुसज्जित मंसूरी में अनेक दर्शनीय स्थल हैं जिनहे देखने के लिए वर्ष भर पर्यटकों का आवागमन चलता ही रहता है। मंसूरी में सबसे अधिक लोकप्रिय कैंपटी फॉल है जो मंसूरी से यमनोत्री रोड पर मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर निरन्तर बहता हुआ जीवन को जाँबाज तरीके से जीने का संदेश देता है। यह समुन्द्रतल से 4500 फीट ऊंचाई पर है तथा विशाल पर्वतों से घिरा हुआ यह झरना सभी उम्र वर्ग के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। गर्मियों के मौसम में, पर्यटक गर्मी से राहत पाने के लिए गगनचुंबी बहने वाली शीतल धाराओं के नीचे नहाकर आनन्द लेते हैं। यहाँ गढ़वाल विकास निगम मण्डल द्वारा स्थापित विश्राम गृह में महिलाओं - पुरुषों को अपना कीमती सामान सुरक्षित रखने तथा कपड़े आदि बदलने की सुविधा है। इसी के पास कैंपटी झील भी है जहां बोटिंग का आनन्द भी लिया जा सकता है।

मंसूरी में पर्यटकों के लिए काफी चर्चित नाम है गन हिल। गन हिल से हिमालय पर्वत श्रंखलाओं विशेष रूप से बंदपंच, श्रीकान्थ,पिथवाड़ा, गंगोत्री के अलावा मंसूरी तथा दून घाटी के दुर्लभ तथा अत्यंत मनोरम दृश्यों को देखा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इसका नाम भी एक रोचक तथ्य है वास्तव में, भारतवर्ष में आजादी से पहले, इसी पहाड़ी पर ठीक दोपहर के समय एक तोप से गोला दागा जाता था ताकि लोग अपनी-अपनी घड़ियाँ समय जाँच कर ठीक कर सकें। इसलिए बाद में इसका नाम गन हिल पड़ गया। गन हिल पर पहुँचने के लिए पैदल रास्ता भी है तथा पर्यटक कार्यालय के पास ट्रालियाँ रोपवे के माध्यम से एकदम तिरछी ऊंचाई तथा माल रोड से 400 मीटर के रास्ते को रोमांचक सवारी से पहुंच जा सकता है जहां से दूर दूर तक फैली अपार प्राकृतिक सौन्दर्यता का नजारा लिया जा सकता है। यदि मंसूरी जाने का मौका मिले तो कम्पनी बाग भी अवशय जाना चाहिए क्योंकि यहाँ सुन्दर हरे भरे व्रक्षों के अलावा फूलों की महक अनायास ही पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता रखता है।
Ropeway Trolly to Gun Hill - Kampty Fall

भट्टा फ़ाल:भट्टा फ़ाल भी जल्द ही पिकनिक स्थल के रूप में विकसित हो गया है। यह मंसूरी-देहारादून रोड पर, मंसूरी से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पर्यटकों को लुभाने में किसी से कम नहीं है। यहाँ मंसूरी उत्तरांचल जल,गलोगी जल विधयुत गृह सयन्त्र 1907 में स्थापित किया गया था। इस पिकनिक स्थल पर पर्यटक ठंडे पानी में स्नान आदि कर गर्मी से राहत मिलती है साथ में थकावट भी दूर हो जाती है। पर्वतों के बीच से इस झरने का नजारा भी दर्शनीय है। सूत्रों से पता चला कि इसका नाम इसके पास स्थित गाँव भट्टा गाँव पर ही पड़ा है जहां वर्षों पहले भट्टे लगे थे। इस पर्यटक स्थल तक पहुँचने के लिए निजी वाहन अथवा पैदल जाया जाता है। इस स्थल को विकसित करने की सख्त जरूरत है। भट्टा फ़ाल के आस-पास सुन्दर पार्क तथा विश्राम हेतु अच्छा इंतजाम है तथा पेट की भूख मिटाने के लिए रेस्तरां तथा कोल्ड ड्रिंक आदि उपलब्ध हैं।
Parks at Dhanolti - Youth Hostel

यूथ हॉस्टल: मंसूरी देहारादून रोड पर मंसूरी से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यूथ हॉस्टल बना है। यहाँ के वार्डन डी.एस. रावत का दावा है कि पर्यटक को घर जैसे माहौल में रहना तथा खाना और वह भी न्यूनतम दामों पर आसानी से उपलब्ध है। रावत के अनुसार युवा आवास, यूथ हॉस्टल्स असोशिएशन ऑफ इंडिया की शाखा है तथा युवा मामले एवं खेल मन्त्राल्य, भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। पूरे विश्व भर में 60 राष्ट्रों में 5000 यूथ होस्टल्स बने हुए हैं जिनका उद्देश्य पर्यावरण को हरा-भरा व स्वच्छ बनाना है। मंसूरी स्थित यूथ हॉस्टल में चार डबल बेड रूम (शौच सहित) तथा 6 व 8 बिस्तर की डोरमेट्री हैं जहां स्त्री व पुरुष को अलग-अलग ठहरने की व्यवस्था है। दूरभाष, टी.वी., साइबर कैफे, समाचार पत्र,ठंडे व गर्म पानी जैसी अनेक सुविधायों का आनन्द उठा सकते हैं। रावत जी ने अनुसशित  माहौल पैदा करके तथा आवास की अनौखी पहचान बनाने में खूब मेहनत की है। यहाँ पर कोंफ्रेंस आदि आयोजन के लिए लगभग 100 व्यक्तियों की क्षमता वाला सभागार भी बना हुआ है।

मंसूरी झील: यूथ हॉस्टल से ठीक एक किलोमीटर की दूरी पर मंसूरी झील बनी है। जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बिन्दु है। यहाँ वर्ष भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यहाँ झील में नौका विहार के लिए नवविवाहित जोड़े, वृद्ध, युवा व बच्चे पास बने पार्क की सैर करना नहीं भूलते हैं। इस झील में अठखेलियाँ करती बतख़ें अपनी अदाओं से पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। कुल्फी, कोल्ड ड्रिंक, चायूमीन, छोला भटूरा, भोजन आदि हेतु व्यवस्था है। इसी झील के पास पारा गलाईडिन्ग के माध्यम से खुले आकाश में पक्षी की भांति उड़ने का भरपूर मौका मिलता है। यहीं पर, कुछ अन्य एडवेंचर गतिविधियां को करने का भी पुख्ता इंतजाम है।

सर जार्ज एवरेस्ट हाउस:सर जार्ज एवरेस्ट हाउस मंसूरी से कुछेक दूरी पर स्थित है। सर एवरेस्ट, भारत के पहले महा पर्यवेक्षक थे। यहीं पर उन्होने अपना घर तथा कार्यालय बनाया, हालांकि अब यह इमारत जर्जर हालत में है लेकिन पर्यटक आज भी इसे बड़े चाव से देखने आते हैं। गौरतलब है कि विश्व की सबसे ऊंची 8848 मीटर ऊंचाई पर स्थित पर्वत चोटी का नाम भी सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर ही पड़ा है।

धनोल्टी: मंसूरी से टिहरी रोड की तरफ, मंसूरी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनोरम स्थल धनोल्टी की अनुपम छटा देखकर प्रकर्ति के चहेते  इस रमणीक स्थल को जरूर देखने आते हैं। यह पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र जहां देवदार के बड़े-बड़े वृक्ष तथा ऊंची-ऊंची पहाडों से प्रकर्तिक सौन्दर्य देखते ही बनता है। यहाँ दो सुन्दर पार्क भी पर्यटकों को अपनी तरफ खीचने में बेहद लोकप्रिय हैं। वैसे यहाँ पर गढ़वाल विकास निगम मण्डल का पर्यटक विश्राम गृह भी बना हुआ है तथा कुछेक होटल भी बने हैं। इस सुन्दर पर्यटक स्थल पर भी वर्ष भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। यदि आप भी मंसूरी घूमने जाएँ तो धनोल्टी भी अवशय घूम कर आयें।

प्राचीनतम पुस्तकालय:
मंसूरी पुस्तकालय विश्व के प्राचीनतम पुस्तकालय में शुमार रखता है। इसकी स्थापना 1843 में हुई। सूत्रों के मुताबिक इसकी नींव दून के सुपरिंटेंडेंट वंसिहार्ट ने रखी। हालांकि इस जमीन के मालिक स्कॉट व पिट थे जिन्होने मेजर स्वेटेंहन को बेच दियाथा। पुस्तकालय में कार्यरत सुश्री रजनी भट्ट ने अहम जानकारी देते हुए बताया कि आज इस विश्व विख्यात पुस्तकालय में उपन्यास, जीवनी, आत्मकथा, यात्रा वृतांत आदि विषयों पर लगभग 14,000 पुस्तकें उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहाँ पर 10-12 दैनिक समाचार पत्र व पत्रिकाएँ भी पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं। आज इस पुस्तकालय के करीब 80 सदस्य हैं। जबकि 10 आजीवन सदस्य हैं इनमें मशहूर लेखक रस्किन बॉण्ड भी शामिल हैं। बॉण्ड समय-समय पर पुस्तकालय में आते-रहते हैं।

उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड के देहारादून स्थित कार्यालय में कार्यरत, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी-योगेन्द्र गंगवार के अनुसार वैसे तो वर्ष भर, परन्तु मई-जून तथा दिसम्बर-जनवरी के महीनों में पर्यटकों की टोलियाँ मंसूरी में घूमना अधिक पसन्द करती हैं। मंसूरी में, केंप्टी फॉल, गन हिल, मंसूरी झील, भट्टा फॉल, कम्पनी बाग, माल रोड, जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट आदि विशेष आकर्षक एवं लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं।

जाने का रास्ता:
सड़क द्वारा: दिल्ली से मंसूरी (बस/जीप/कार)
रेल द्वारा: दिल्ली से देहारादून तक
हवाई मार्ग: दिल्ली से जौली ग्रांट, हवाई अड्डा, देहारादून तक

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड
देहारादून
फोन: 0135-2559898, 2559987
ईमेल:dd-tourism-ua@nic.in
वेब साइट:www.uttarakhandtourism.gov.in

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