कार्यक्रम का शुभारंभ गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ | विद्यालय के चेयरमैन श्री टी.आर.गुप्ता जी ने अपने स्वागत भाषण से सभी अतिथियों एवं अभिभावकों को संबोधित किया | अपने संबोधन में उन्होंने अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ मूल्यवान समय बिताने की सलाह दी जिससे कि बच्चों में आपसी प्रेम व सहयोग की भावना बढ़े | तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया | कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों के थिरकते कदम, सालसा, शास्त्रीय नृत्यों में भरतनाट्यम, ओडिशी एवं कथक तथा भारतीय लोक-नृत्यों में बिहू, बम्बू, गुजराती नृत्य एवं भांगड़ा ने तो दर्शकों का मन मोह लिया | कार्यक्रम में प्रमुख आकर्षण का केंद्र नृत्य-नाटिका ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः – यज्ञ द्वारा प्रकृति का संरक्षण’ रही, जिसमें लगभग 300 विद्यार्थियों ने अपनी अप्रतिम प्रस्तुति दी |
मुख्य अतिथि आर्य रत्न श्री पूनम सूरी जी ने शैक्षणिक एवं सहशैक्षणिक क्षेत्रों के मेधावी छात्रों को प्रमाणपत्र तथा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया | वर्ष २०१३-२०१४ के छात्र सूर्यांश को उसकी उपलब्धि के लिए एम.एल. खन्ना स्वर्णपदक से सम्मानित किया | श्री पूनम सूरी जी ने अपने भाषण में विद्यालय की अभूतपूर्व उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा प्रधानाचार्या जी के कुशल नेतृत्व की प्रशंसा की | उन्होंने डी.ए.वी द्वारा चारित्रिक शिक्षा के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डी.ए.वी. विद्यालयों का यह प्रयास रहता है कि समाज को केवल इंजीनियर, डॉक्टर, प्रबंधक ही नहीं बल्कि अच्छे इंसान भी दे सकें | उन्होंने अपने आशीर्वचनों के द्वारा विद्यालय के स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएँ दीं |
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक श्री नानक चंद ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका मेहन ने सभी शिक्षकों तथा स्टाफ सदस्यों और अभिभावकों को कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया |
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक श्री नानक चंद ने सभी का आभार व्यक्त किया तथा विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका मेहन ने सभी शिक्षकों तथा स्टाफ सदस्यों और अभिभावकों को कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद दिया |